पिता के मौत के बाद भी नहीं टूटे हौसले...यूपीएससी परीक्षा में 18वीं रैंक हासिल की: वर्धा खान

उच्च वेतन वाली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और आईएफएस में शामिल होने का अपना सपना पूरा किया वर्धा खान



टॉप-20 में शामिल एकमात्र मुस्लिम महिला कभी हार मानने वाली भावना के कारण सिविल सेवा उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा बन गई हैं दृढ़ निश्चय और परिवार के समर्थन से उन्होंने अपनी उच्च वेतन वाली कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी और आईएफएस में शामिल होने का अपना सपना पूरा किया।


मेरी प्रारंभिक प्रतिक्रिया अविश्वास की थी, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं खुद को शीर्ष 20 में पाऊँगी एक ऐसी परीक्षा में, जिसका परिणाम अपने आप में अनिश्चित है, अभ्यर्थी की इच्छा केवल यही होती है कि उसका नाम पीडीएफ में जाए। लेकिन मुझे खुशी है कि मैं ऐसा कर सकी और मैं अपने कंधों पर आई जिम्मेदारी को पूरा करना चाहती हूं, जो कि अपने देश की सेवा करना है। - वर्धा खान

 

UPSC 2023 का फाइनल रिजल्ट जारी होने के बाद से उम्मीदवारों की सक्सेस स्टोरी की चर्चाएं सोशल मीडिया पर हो रही हैं। इन्ही सफल उम्मीदवारों में एक हैं, नोएडा की रहने वालीं 24 वर्षीय महिला वर्धा खान। ये यूपीएससी टॉप-20 में जगह बनाने वालीं एकमात्र मुस्लिम महिला उम्मीदवार हैं।


नोएडा की रहने वाली वर्धा खान ने 2023 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में AIR-18 लाकर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यह वर्धा का दूसरा प्रयास था। पिता का भी निधन हो चुका है...वह अपनी मां के साथ नोएडा में रहती हैं।

 

2022 में UPSC में फेल हो गई थीं वर्धा खान: 2022 में अपने पहले प्रयास में प्रिलिम्स में ही फेल हो गई थीं। लेकिन वर्धा खान ने हार नहीं मानीं और अपनी कमियों का विश्लेषण किया और ज्यादा ध्यान लगाकर अपपी पढ़ाई पर फिर से फोकस किया।

 

वर्धा की मां अफसर जहां केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक हैं। अफसर जहां ने वर्धा के पालन-पोषण और शैक्षणिक गतिविधियों में अहम भूमिका निभाई है। पिता के निधन के बाद कई चुनौतियों के बावजूद वर्धा अपनी पढ़ाई फोकस रहीं। 10वीं कक्षा पूरी करने के बाद वर्धा ने कॉमर्स की पढ़ाई की और बाद में ग्रेजुएशन के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया। वर्धा ने खालसा कॉलेज से कॉमर्स (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन किया है।

 

वर्धा खान कहती हैं, ''मैंने लगभग 8 महीनों तक कॉर्पोरेट फर्म में काम किया है। लेकिन उस काम में मेरा मन नहीं लग रहा था और ना ही मैं अपने काम से संतुष्ट थीं। मैं देश और समाज में कुछ भागीदारी देना चाहती थी। मैं देश सेवा करना चाहती थी। इसलिए फिर मुझे एहसास हुआ कि ऐसा करने के लिए मैं सिविल सेवा में जा सकती हूं। इसलिए मेरी रुची जागी।''

 

टॉप-20 में आने पर: वर्धा खान ने कहा है, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं टॉप 20 में जगह बनाऊंगी। मैं बस (क्वालीफायर की) सूची में जगह बनाना चाहती थी। यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत बड़ा पल है। यह मेरा दूसरा प्रयास था। मैं 2021 से तैयारी कर रही हूं। यह निश्चित रूप से एक चुनौतीपूर्ण रास्ता है...लेकिन मेरे परिवार और दोस्तों ने मेरा बहुत समर्थन किया है।''

 

यूपीएससी 2023 के परिणामों की घोषणा से वर्धा के परिवार और समुदाय में अपार खुशी हुई। जैसे ही उनकी उपलब्धि की खबर फैली, उनके घर में गर्व और जश्न का माहौल था। वर्धा की सफलता केवल व्यक्तिगत जीत है, बल्कि उनके परिवार के लिए भी एक ऐतिहासिक पल है, क्योंकि वह यूपीएससी परीक्षा पास करने वाली पहली लड़की बनी हैं।

 

दीर्घकालिक और अल्पकालिक तैयारी की रणनीति:- दीर्घकालिक रणनीति में सबसे पहले पाठ्यक्रम की अच्छी समझ होनी चाहिए, इसके बाद पिछले वर्ष के प्रश्नों का विश्लेषण करना ताकि यह समझा जा सके कि यूपीएससी हमसे क्या अपेक्षा करता है। ये दो चीजें अलग-अलग पाठ्यक्रम शीर्षकों के लिए नोट्स बनाने और उत्तर लेखन रणनीति का मार्ग प्रशस्त करती हैं।


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