Dr. Rajendra Prasad Biography in Hindi

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जीवन परिचय | Dr. Rajendra Prasad Biography in Hindi


डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के प्रथम राष्ट्रपति, स्वतंत्रता सेनानी और महान शिक्षाविद् थे।

उन्होंने भारतीय गणराज्य की नींव को मजबूत बनाया और जीवनभर देश की सेवा में समर्पित रहे।

उन्हें सादगी, सत्यनिष्ठा और देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है।


🪔 प्रारंभिक जीवन

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को जिरादेई (सीवान, बिहार) में हुआ था।

पिता का नाम महादेव सहाय और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था।

उनके पिता संस्कृत और फारसी के विद्वान थे।

राजेंद्र बाबू बचपन से ही तेज बुद्धि और मेहनती विद्यार्थी थे।


👨‍🎓 शिक्षा

उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा छपरा जिला स्कूल से की और आगे की पढ़ाई कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज से पूरी की।

उन्होंने एम.ए. (अर्थशास्त्र) और एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की तथा बाद में डॉक्टर ऑफ लॉ की उपाधि प्राप्त की।

वे हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, बंगाली और फारसी भाषाओं के ज्ञाता थे।


💍 पारिवारिक जीवन

राजेंद्र प्रसाद का विवाह बाल्यकाल में ही राजवंशी देवी से हुआ था।

वे सादगीपूर्ण जीवन के पक्षधर थे और जीवनभर भारतीय संस्कृति के मूल्यों का पालन करते रहे।


🕊️ स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान

  • वर्ष 1917 में चम्पारण सत्याग्रह में गांधी जी के साथ सक्रिय भूमिका निभाई।
  • असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन में कई बार जेल गए।
  • वर्ष 1934 में कांग्रेस के बंबई अधिवेशन के अध्यक्ष बने।
  • उन्होंने किसानों, श्रमिकों और गरीबों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई।


⚖️ राजनीतिक और प्रशासनिक योगदान

  • वर्ष 1946 में भारत की अंतरिम सरकार में कृषि और खाद्य मंत्री बने।
  • 26 जनवरी 1950 को वे भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने।
  • वे 1957 में दूसरी बार राष्ट्रपति चुने गए और 14 मई 1962 तक पद पर बने रहे।
  • उन्होंने हमेशा संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की।

📚 साहित्यिक योगदान

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद लेखन में भी रुचि रखते थे। उनकी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं –
  • भारत विभाजित (India Divided)
  • आत्मकथा (Autobiography)
  • गांधीजी की देन
  • सत्याग्रह एट चम्पारण
  • भारतीय संस्कृति और खादी का अर्थशास्त्र

🏅 सम्मान और पुरस्कार

वर्ष 1962 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किए गए।

उन्हें जनता “राजेंद्र बाबू” के नाम से स्नेहपूर्वक याद करती है।

🕯️ मृत्यु

डॉ. राजेंद्र प्रसाद का निधन 28 फरवरी 1963 को पटना के सदाकत आश्रम में हुआ।

उनका जीवन भारत के हर नागरिक के लिए प्रेरणा है।


🌿 निष्कर्ष

डॉ. राजेंद्र प्रसाद एक महान राष्ट्रनिर्माता, निस्वार्थ सेवक और सच्चे गांधीवादी थे।

उन्होंने स्वतंत्र भारत की लोकतांत्रिक नींव को सशक्त किया और भारतीय संविधान के आदर्शों को जीवन में उतारा।

वे हमेशा “राष्ट्रसेवा और सादगी के प्रतीक” रहेंगे।


📅 जन्म तिथि: 3 दिसंबर 1884

📍 जन्म स्थान: जिरादेई, सीवान (बिहार)

🎖️ सम्मान: भारत रत्न (1962)

⚰️ मृत्यु: 28 फरवरी 1963


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