सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी

 


🧱 सरदार वल्लभभाई पटेल की जीवनी | Sardar Vallabhbhai Patel Biography in Hindi

सरदार वल्लभभाई पटेल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और पहले गृहमंत्री थे। उन्हें “भारत का लौह पुरुष (Iron Man of India)” और “आधुनिक भारत का निर्माता” कहा जाता है।

🔹 प्रारंभिक जीवन

सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। उनका पूरा नाम वल्लभभाई झावेरभाई पटेल था।
पिता का नाम झावेरभाई पटेल और माता का नाम लाडबा पटेल था। वे परिवार की चौथी संतान थे।
कम उम्र में ही इनका विवाह झबेरबा से हुआ था।

🔹 स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान

वल्लभभाई पटेल महात्मा गांधी के अनुयायी थे और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े।
उन्होंने गुजरात विद्यापीठ की स्थापना में भी प्रमुख भूमिका निभाई।

साल 1928 में गुजरात के बारदोली आंदोलन में किसानों का नेतृत्व कर उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत को झुकने पर मजबूर कर दिया।
इस आंदोलन के बाद महिलाओं ने उन्हें सम्मानपूर्वक “सरदार” की उपाधि दी।

🔹 राजनीतिक योगदान

  • 1931 में कराची अधिवेशन में कांग्रेस की अध्यक्षता की।

  • क्रिप्स मिशन, शिमला सम्मेलन और कैबिनेट मिशन के महत्वपूर्ण सदस्य रहे।

  • भारत की 562 रियासतों का एकीकरण कर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण किया, इसलिए उन्हें “भारत का बिस्मार्क” भी कहा गया।

  • उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) को भारत की सरकारी व्यवस्था का “स्टील फ्रेम” कहा था।

🔹 सम्मान और स्मारक

  • भारत में हर वर्ष 31 अक्टूबर को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

  • उनकी याद में गुजरात के केवडिया में “स्टेच्यू ऑफ यूनिटी” (ऊंचाई – 182 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो दुनिया की सबसे ऊँची मूर्ति है।

🔹 मृत्यु

सरदार वल्लभभाई पटेल का निधन 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में हुआ।


🕊️ निष्कर्ष

सरदार पटेल ने भारत के एकीकरण, प्रशासनिक ढांचे की स्थापना और एक सशक्त राष्ट्र के निर्माण में जो भूमिका निभाई, वह भारतीय इतिहास में सदा अमर रहेगी। वे वास्तव में “भारत की एकता और अखंडता के प्रतीक” थे।


📅 सरदार पटेल जयंती: 31 अक्टूबर
🎉 दिवस का नाम: राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day)

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