तीन प्रमुख भारतीय बंदरगाह बने हरित हाइड्रोजन केंद्र | Green Hydrogen Hubs of India
भारत सरकार ने हाल ही में देश के तीन प्रमुख बंदरगाहों को “हरित हाइड्रोजन केंद्र (Green Hydrogen Hub)” के रूप में चुना है। यह कदम भारत के स्वच्छ ऊर्जा और नेट-ज़ीरो लक्ष्य (Net Zero 2070 Vision) की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
📍 चुने गए बंदरगाह
1️⃣ दीनदयाल बंदरगाह – गुजरात
2️⃣ वी.ओ. चिदंबरनार बंदरगाह – तमिलनाडु
3️⃣ पारादीप बंदरगाह – ओडिशा
📍 किस योजना के अंतर्गत
यह पहल राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission - NGHM) के तहत शुरू की गई है।
इस मिशन को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) चला रहा है।
📍 उद्देश्य
हरित हाइड्रोजन और उससे बनने वाले ईंधनों का बड़े पैमाने पर उत्पादन, उपयोग और निर्यात बढ़ाना।
बंदरगाहों पर हाइड्रोजन क्लस्टर (Hydrogen Cluster) तैयार करना ताकि इस क्षेत्र में नए निवेश और तकनीक को बढ़ावा मिले।
भारत को स्वच्छ ऊर्जा केंद्र (Clean Energy Hub) के रूप में विकसित करना।
📍 महत्व
यह कदम भारत के समुद्री क्षेत्र को प्रदूषण-मुक्त (Decarbonization) करने में मदद करेगा।
बंदरगाहों को स्वच्छ और टिकाऊ लॉजिस्टिक केंद्रों में बदला जाएगा।
इससे हरित निवेश (Green Investment) और नई ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा मिलेगा।
भारत के नेट-ज़ीरो 2070 लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
🧭 परीक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण प्रश्न
प्रश्न:
भारतीय बंदरगाहों पर हरित हाइड्रोजन केंद्र भारत के “शुद्ध-शून्य उत्सर्जन” और “समुद्री स्थिरता” लक्ष्यों में किस प्रकार योगदान करते हैं?