🏛️ संसद क्या है? | भारतीय संसद की संरचना, कार्य एवं महत्व

🏛️ संसद क्या है? | भारतीय संसद की संरचना, कार्य एवं महत्व

भारत में संसद (Parliament) देश की सर्वोच्च विधायी संस्था (Legislative Body) है। यही वह स्थान है जहाँ देश के लिए कानून बनाए जाते हैं, नीतियों पर चर्चा होती है और सरकार की जवाबदेही तय की जाती है।
संविधान के अनुसार, भारत की संसद तीन अंगों से मिलकर बनी है —
1️⃣ राष्ट्रपति (President)
2️⃣ लोकसभा (House of the People / Lower House)
3️⃣ राज्यसभा (Council of States / Upper House)

🔹 संसद की संरचना

1. लोकसभा (Lower House)

लोकसभा को "जनता का सदन" कहा जाता है क्योंकि इसके सदस्य सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं।

इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है।

यहाँ सरकार बनती है और प्रधानमंत्री सहित मंत्रिपरिषद इसी सदन के प्रति उत्तरदायी होती है।

2. राज्यसभा (Upper House)

राज्यसभा को "राज्यों का सदन" कहा जाता है क्योंकि इसके सदस्य राज्यों की विधानसभाओं द्वारा चुने जाते हैं।

यह एक स्थायी सदन है, जिसे भंग नहीं किया जा सकता; हर दो वर्ष में इसके 1/3 सदस्य रिटायर होते हैं।

3. राष्ट्रपति

राष्ट्रपति संसद का अभिन्न अंग होता है और वही संसद द्वारा पारित बिलों को अनुमोदन (Assent) देकर कानून में बदलता है।

🔹 संसद के प्रमुख कार्य

1. कानून बनाना (Law Making)
नए कानून बनाना या पुराने कानूनों में संशोधन करना संसद का मुख्य कार्य है।

2. बजट पास करना (Passing the Budget)
सरकार को देश का पैसा कहाँ और कैसे खर्च करना है, इसका निर्णय संसद में होता है।

3. सरकार की निगरानी (Control over the Executive)
सांसद प्रश्न, बहस और अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से सरकार की कार्यप्रणाली की जांच करते हैं।

4. राष्ट्रीय नीतियों पर चर्चा (Debate on National Policies)
संसद में देश के प्रमुख सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मुद्दों पर बहस होती है।

5. अविश्वास प्रस्ताव (No-Confidence Motion)
यदि सरकार जनता के भरोसे पर खरी नहीं उतरती, तो संसद उसे हटाने का अधिकार रखती है।

🔹 संसद का महत्व

संसद जनता की आवाज़ है। यहाँ देश के हर हिस्से से चुने गए प्रतिनिधि अपने मतदाताओं की राय, समस्याएँ और विचार रखते हैं।
संसद ही वह मंच है जहाँ “जनता की सरकार” अपने कार्यों का हिसाब देती है।

👉 सीधे शब्दों में:
संसद = जनता की सरकार का सर्वोच्च मंच”

🧭 UPSC व अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी तथ्य

भारतीय संसद का उल्लेख संविधान के अनुच्छेद 79 से 122 तक किया गया है।

पहली लोकसभा का गठन 1952 में हुआ था।

राज्यसभा के सभापति उपराष्ट्रपति होते हैं।

लोकसभा के अध्यक्ष को Speaker कहा जाता है।

📚 निष्कर्ष:
संसद भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ है — जहाँ जनता की आवाज़ कानून के रूप में आकार लेती है। यह न केवल शासन चलाने का माध्यम है, बल्कि यह सुनिश्चित करती है कि सरकार हमेशा जनता के प्रति जवाबदेह रहे।

Post a Comment

0 Comments