“एक साधारण घर का लड़का, जिसका सपना उससे भी बड़ा था।”
लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो इन सबके बिना सिर्फ मेहनत, अनुशासन और भरोसे के दम पर इतिहास बना देते हैं।
IPS सफ़िन हसन, भारत के सबसे कम उम्र के IPS अधिकारी, ऐसे ही एक नाम हैं—
जिनकी कहानी आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि
“हालात नहीं, हौसले बड़े होने चाहिए।”
1. जन्म और परिवार: संघर्ष की नींव
सफ़िन हसन का जन्म 21 जुलाई 1995 को गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर में हुआ।
यह कोई बड़ा शहर नहीं था—साधारण सा कस्बा, जहाँ सपने बहुत होते हैं, पर साधन कम।
परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी थी?
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पिता किसी ईंट भट्ठे या इलेक्ट्रिक काम में मजदूरी करते थे
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मां घरों में काम करती थीं
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कई बार एक वक्त का खाना चलाना भी मुश्किल होता था
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परिवार में किसी को भी सरकारी नौकरी का अनुभव नहीं था
परिवार गरीब था, लेकिन एक चीज़ बहुत अमीर थी —
सपने देखने का साहस।
2. बचपन: जहाँ एक चिंगारी जली
सफ़िन बचपन में पढ़ाई में बहुत अच्छे थे,
लेकिन पढ़ाई आसान नहीं थी—कभी किताबें नहीं होतीं, कभी फीस भरने के पैसे नहीं।
एक बार उनके स्कूल में एक बड़ा अधिकारी निरीक्षण के लिए आया।
उसकी वर्दी, उसकी शांति, उसका आत्मविश्वास देखकर सफ़िन ने पूछा:
“ये कौन होते हैं?”
शिक्षक ने कहा—
“ये IPS अधिकारी हैं।”
वो एक पल था…
एक चिंगारी थी…
जिसने जीवन बदल दिया।
3. स्कूल टाइम: संसाधन कम, सपने नहीं
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कई बार चप्पल टूटी होती थी
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स्कूल बैग फटा होता था
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घर में बिजली न हो तो स्ट्रीट लाइट के नीचे पढ़ते थे
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दोस्तों से किताबें, नोट्स उधार लेते थे
लेकिन एक चीज़ कभी नहीं टूटी—
उनका विश्वास।
सफ़िन हमेशा कहते हैं:
“मैं गरीब था, पर मेरा सपना बहुत अमीर था।”
4. इंजीनियरिंग की शुरुआत: नए रास्ते
स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से B.Tech में दाखिला लिया।
इंजीनियरिंग आसान नहीं थी—
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हॉस्टल फीस मुश्किल
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कॉलेज की किताबें महंगी
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जेब में हमेशा कम पैसे
लेकिन सफ़िन ने पढ़ाई को रोका नहीं।
उन्होंने पार्ट-टाइम काम भी किया, पर ध्यान हमेशा लक्ष्य पर रहा।
5. UPSC का सफर: लाखों का सपना, एक की जिद
इंजीनियरिंग के दौरान ही उन्होंने तय कर लिया कि उन्हें IPS बनना है।
लेकिन UPSC एक महंगा सपना है—
कोचिंग, किराया, किताबें, यात्रा… सब मुश्किल।
परिवार ने क्या किया?
उनकी नानी और मौसी ने गहने गिरवी रखकर पैसे जुटाए,
ताकि सफ़िन को दिल्ली जाकर तैयारी करने का मौका मिल सके।
सफ़िन कहते हैं:
“मेरी पढ़ाई में सबसे बड़ा निवेश मेरे परिवार का प्यार था।”
6. दिल्ली के दिन: संघर्ष की असली परीक्षा
राजेंद्र नगर में किराये का कमरा,
महंगा खाना,
सीमित पैसे,
और UPSC का भारी सिलेबस…
फिर भी सफ़िन ने हर दिन 10–12 घंटे पढ़ाई की।
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कई बार पैसों की कमी से भूखे सोना पड़ा
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कई रातें तनाव में बीतीं
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कई बार लगा कि छोड़ दूं
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लेकिन—सपना छोड़ना कभी विकल्प नहीं था
वे कहते हैं:
“अगर आपका लक्ष्य मजबूत है,
तो आपकी थकान भी आपको रोक नहीं पाती।”
7. UPSC का नतीजा: इतिहास लिखने वाला दिन
साल 2017,
पहला प्रयास…
पहली उम्मीद…
और
AIR 570
सफ़िन को मिला —
IPS (Indian Police Service)
और
गुजरात कैडर
सबसे बड़ी बात—
वे देश के सबसे कम उम्र के IPS अधिकारी बन गए। (22 साल)
यह सिर्फ उनका नहीं,
बल्कि उनके पूरे परिवार का सपना था जो सच हुआ।
8. ट्रेनिंग: जहाँ लड़का अफ़सर बनता है
SVPNPA, हैदराबाद में उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई।
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फायरिंग
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ड्रिल
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फिटनेस
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कानून
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केस स्टडी
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ग्राउंड ट्रेनिंग
हर टेस्ट में उन्होंने खुद को साबित किया।
9. पहली पोस्टिंग: जनता का अधिकारी
सफ़िन हसन की पहली पोस्टिंग जामनगर में ASP के रूप में हुई।
उन्होंने वहाँ:
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ट्रैफिक सिस्टम सुधारा
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युवा कैंपेन चलाए
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नशा विरोधी अभियान किए
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पुलिस-जनता भरोसा बढ़ाया
सफ़िन बेहद सरल, ईमानदार और पारदर्शी अधिकारी माने जाते हैं।
10. सोशल मीडिया पर वायरल: प्रेरणा का स्रोत
उनकी सादगी, संघर्ष और उपलब्धियों ने
उन्हें सोशल मीडिया पर लाखों लोगों का प्रेरणास्रोत बना दिया।
आज वे:
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युवाओं के लिए Motivational Speaker
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UPSC Aspirants के लिए Guide
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और समाज में सकारात्मक बदलाव के प्रतीक हैं
11. सफ़िन हसन की सोच: जो हर किसी को सीखनी चाहिए
वे हमेशा कहते हैं:
💬 “पृष्ठभूमि कभी आपकी मंज़िल तय नहीं करती।”
💬 “धैर्य, मेहनत और निरंतरता ही सफल लोगों की पहचान है।”
💬 “असंभव सिर्फ एक शब्द है—जिसे हटाने की ताकत आपके अंदर है।”
उनकी सोच, उनकी बातें और उनका सफर
किसी भी युवा को नई ऊर्जा दे सकता है।
12. निष्कर्ष: एक मिसाल, एक मार्गदर्शक
IPS सफ़िन हसन की कहानी सिर्फ एक लड़के की कहानी नहीं,
बल्कि यह कहानी है—
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गरीबी से लड़ने की
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सपनों को पकड़कर रखने की
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हार न मानने की
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परिवार के त्याग की
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और एक इंसान की जिद की
उन्होंने यह साबित कर दिया कि
सपनों को पूरा करने के लिए पैसा नहीं—इरादा चाहिए।
