Tina Dabi IAS Topper Story 2015
देश की सबसे कठिन परीक्षा कहलाने वाली यूपीएससी सिविल सेवा एग्जाम में 2015 में एक नाम सबसे ऊपर आया – टीना डाबी। उस समय वह महज 22 साल की थीं और यह उनका पहला प्रयास था। आम लोगों के मन में सवाल उठा – आखिर कोई इतनी कम उम्र में टॉप कैसे कर लेता है? नीचे लिखी बातें टीना की खुद की बातचीत और उनके नोट्स से साफ़ हुई हैं। कोई कॉपीराइट नहीं, आप चाहें तो इसे शेयर भी कर सकते हैं।
बचपन और पढ़ाई
टीना का जन्म दिल्ली में हुआ। पापा हिमाचल के, मम्मी महाराष्ट्र की। पापा इंडियन टेलीकॉम सर्विस में अफसर थे, इसलिए नौकरी के चक्कर में परिवार को भोपाल, दिल्ली और कई शहरों में रहना पड़ा। मम्मी ने IES (इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस) जॉइन किया था, बाद में वॉलेंटरी रिटायरमेंट ले लिया ताकि बच्चों की परवरिश ठीक से हो। टीना ने भोपाल के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल से 10वीं-12वीं की। फिर नई दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन किया। बचपन से ही उन्हें नेताओं की कहानियाँ और अखबार पढ़ने का शौक था। मधुबनी पेंटिंग और फिक्शन नॉवेल उनका टाइम-पास था।
पहला प्रयास, पहली सफलता
कोचिंग ज्वाइन करने की बजाय टीना ने खुद से तैयारी शुरू की। 2014 में ग्रेजुएशन खत्म हुआ और जून 2014 से पूरी तरह यूपीएससी पर फोकस किया। कोई पिछला अनुभव नहीं, कोई गैप-ईयर नहीं – सीधा पहला अटेम्पट और रैंक-1।
वैकल्पिक विषय क्या लिया?
मेन एग्जाम के लिए उन्होंने "Political Science & International Relations" लिया क्योंकि ग्रेजुएशन भी वही विषय था। इससे उन्हें 4 महीने बच गए जो अन्य विषा समझने में जाते।
दिनचर्या – सुबह 7 से रात 12
टीना का कहना है – "कोचिंग संस्थान का शेड्यूल मेरे लिए बहुत सख़्त था, मैंने खुद का टाइम-टेबल बनाया और तीन बार रिवीज़न किया।" नीचे उनका रोज़नामचा दिया गया है जो उन्होंने इंटरव्यू में बताया।
| समय | काम |
|---|---|
| 7:00 am | उठना, फ्रेश, हल्का व्यायाम |
| 7:30 am | अखबार (The Hindu + Indian Express संपादकीय) |
| 8:30 am | स्लॉट-1 – बड़े विषय (उच्च ऊर्जा वाले टॉपिक) |
| 9:00 am – 12 noon | करेंट अफेयर्स नोट बनाना |
| 12 – 1 pm | ब्रेक / वॉक |
| 1 – 2 pm | लंच |
| 2 – 3 pm | पावर-नैप या टीवी न्यूज़ |
| 3 – 5 pm | स्लॉट-2 – मध्यम लंबाई के विषय |
| 5 – 8 pm | रिवीज़न व आंसर राइटिंग प्रैक्टिस |
| 8 – 9 pm | रात का खाना + फैमिली टाइम |
| 9 – 11 pm | स्लॉट-3 – रिवीज़न / मॉक टेस्ट |
| 11 – 12 am | हल्का संगीत, फिर सोना |
तीन-चक्र रिवीज़न फॉर्मूला
- पहला रिवीज़न – अगले हफ्ते वही चैप्टर दोबारा।
- दूसरा रिवीज़न – अगले महीने।
- तीसरा रिवीज़न – प्री-एग्जाम के 15 दिन पहले।
इससे याददाश्त देर तक बनी रहती है।
स्ट्रगल पॉइंट और समाधान
- लंबा सिलेबस → उन्होंने NCERT + एक ही रेफरेंस बुक पढ़ा, बहुत किताबें नहीं खरीदीं।
- आंसर राइटिंग → रोज़ एक प्रश्न 15 मिनट में लिखा, फिर खुद चेक किया।
- इंटरव्यू में डर → दर्जनभर मॉक इंटरव्यू लिए, दोस्तों से रोल-प्ले किया।
- डेमोटिवेशन → हर रविवार शाम सिनेमा या मधुबनी पेंटिंग करती थीं। "ब्रेक बिना दिमाग घप्पा हो जाता है," उनका मानना है।
टॉपर की टिप्स – साधारण भाषा में
- समय बर्बाद मत करो – यूट्यूब एनालिसिस पार्टी, व्हाट्सएप फॉरवर्ड से बचो।
- कोचिंग ज़रूरी नहीं – ऑनलाइन सामगी और खुद का नोट ही काफी है।
- करेंट अफेयर्स रोज़ पढ़ो – महीने भर का बंडल आखिरी हफ्ते में पढ़ोगे तो दिमाग घूम जाएगा।
- रिवीज़न = मंत्र – एक बार पढ़ा तो भूल भी जाओगे, तीन बार रिवाइज़ किया तो एग्जाम हॉल में कॉन्फिडेंस रहेगा।
- हेल्थ मत गंवाओ – दौड़ना-पीना-सोना तीनों जरूरी हैं।
तथ्य संक्षेप में
- रैंक: 1
- साल: 2015
- प्रयास: पहला
- वैकल्पिक विषय: Political Science & IR
- उम्र: 22 वर्ष
- होम टाउन: दिल्ली
- हॉबी: मधुबनी पेंटिंग, फिक्शन नॉवेल
निष्कर्ष
टीना डाबी की कामयाबी बताती है कि अगर आप संसाधनों को सिमटा करें, समय का पालन करें और खुद पर विश्वास रखें, तो यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा भी पहले प्रयास में पास की जा सकती है। उनकी दिनचर्या और रिवीज़न तकनीक हर स्टूडेंट के काम आ सकती है – बस जरूरत है चुस्ती और लगन की।
