बिना OTP नहीं मिलेगा तत्काल टिकट: रेलवे की नई बुकिंग व्यवस्था

 


बिना OTP अब नहीं मिलेगा तत्काल टिकट: रेलवे ने की बड़ी कार्रवाई, जानिए नई प्रक्रिया कैसे काम करती है

भारतीय रेलवे ने तत्काल टिकट बुकिंग प्रणाली को और अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और फर्जीवाड़े से मुक्त बनाने के लिए बड़ा बदलाव किया है। नई व्यवस्था के तहत अब किसी भी माध्यम—ऑनलाइन, काउंटर या एजेंट—से तत्काल टिकट बुक करने पर यात्री के मोबाइल नंबर पर भेजा गया OTP अनिवार्य रूप से सत्यापित करना होगा। यह नया नियम 1 दिसंबर की रात 12 बजे से पूरे देश में लागू कर दिया गया है।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, OTP सत्यापन का उद्देश्य असली यात्रियों को टिकट दिलवाना और दलालों की गतिविधियों को रोकना है।


OTP नियम कब और कैसे शुरू हुआ?

OTP-आधारित प्रणाली को सबसे पहले 17 नवंबर 2025 को मुंबई सेंट्रल–अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस (12009/12010) में लागू किया गया था। कुछ दिनों बाद इसे 52 ट्रेनों में बढ़ाया गया। रेलवे मंत्रालय ने बताया कि इसे जल्द ही सभी ट्रेनों में लागू कर दिया जाएगा।


तत्काल टिकट क्या होता है?

तत्काल योजना भारतीय रेलवे की एक विशेष सुविधा है, जिसकी मदद से यात्री अचानक यात्रा की स्थिति में टिकट बुक कर सकते हैं। इसे वर्ष 1997 में तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने शुरू किया था।

तत्काल टिकट की खास बातें:

  • ट्रेन के चलने से एक दिन पहले बुकिंग होती है।

  • AC कोच की बुकिंग सुबह 10 बजे,

  • Non-AC की 11 बजे शुरू होती है।

  • ऑनलाइन और काउंटर दोनों माध्यम उपलब्ध।

  • कन्फर्म तत्काल टिकट पर रिफंड नहीं मिलता।

  • वेटिंग तत्काल टिकट पर रिफंड उपलब्ध।

  • 80% से अधिक मांग वाली ट्रेनों में "व्यस्त सीजन शुल्क" पूरे वर्ष लागू रहता है।

  • अब ट्रेन चलने से 8 घंटे पहले चार्ट तैयार किया जाएगा।

  • सुरक्षा के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य किया गया है।


प्रीमियम तत्काल सेवा क्या है?

प्रीमियम तत्काल एक विशेष सुविधा है जो केवल चुनिंदा ट्रेनों में लागू है।
मुख्य विशेषताएँ:

  • केवल ऑनलाइन बुकिंग की अनुमति।

  • किराया सामान्य तत्काल टिकट से काफी अधिक, कई बार दोगुना।

  • 2014 में इसे लगभग 80 ट्रेनों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया।


तत्काल टिकट कैसे बुक करें? (स्टेप-बाय-स्टेप)

1️⃣ पहले से लॉग इन करें

IRCTC वेबसाइट या किसी मान्य एजेंसी प्लेटफॉर्म पर पहले लॉगिन करें।

2️⃣ यात्रा विवरण दर्ज करें

यात्रा तारीख, स्रोत स्टेशन और आगमन स्टेशन चुनें।

3️⃣ तत्काल विकल्प चुनें

ट्रेनों की सूची में “तत्काल” श्रेणी चुनकर आगे बढ़ें।

4️⃣ यात्री का विवरण भरें

नाम, उम्र, लिंग आदि भरें।
बार-बार यात्रा करने वालों के लिए “मास्टर लिस्ट” में सेव कर सकते हैं।

5️⃣ तेज़ भुगतान करें

टिकट बहुत जल्दी भरते हैं, इसलिए तुरंत भुगतान पूरा करें।


नई OTP आधारित तत्काल बुकिंग प्रक्रिया

रेल मंत्रालय के अनुसार अब काउंटर बुकिंग हो या ऑनलाइन—दोनों ही जगह यात्री को एक OTP भरना अनिवार्य है।

✔ कैसे काम करेगा OTP सिस्टम?

  1. टिकट बुकिंग के समय आपका मोबाइल नंबर दर्ज किया जाएगा।

  2. उसी नंबर पर रेलवे सिस्टम द्वारा एक OTP भेजा जाएगा

  3. OTP दर्ज करने के बाद ही टिकट कन्फर्म होगा।

  4. गलत OTP की स्थिति में टिकट जारी नहीं होगा।

रेलवे ने यात्रियों से आग्रह किया है कि टिकट बुक करते समय हमेशा सक्रिय और वैध मोबाइल नंबर ही दें।


यह कदम क्यों उठाया गया?

रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इस नियम का मुख्य उद्देश्य:

  • तत्काल टिकट में होने वाले दुरुपयोग को रोकना,

  • एजेंटों द्वारा की जाने वाली अवैध बुकिंग पर लगाम लगाना,

  • बुकिंग प्रक्रिया को पारदर्शी एवं सुरक्षित बनाना,

  • असली यात्रियों को टिकट प्राप्त करने का बेहतर मौका देना है।


रेलवे द्वारा दुरुपयोग रोकने के हालिया कदम

पिछले महीनों में रेलवे ने टिकट बुकिंग में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए कई सख्त कदम उठाए:

  • जुलाई में ऑनलाइन तत्काल बुकिंग के लिए आधार आधारित OTP सत्यापन शुरू।

  • 1 अक्टूबर से केवल आधार प्रमाणित यूजर्स को बुकिंग खुलने के पहले 15 मिनट में टिकट बुक करने की अनुमति।

  • एजेंटों द्वारा सॉफ़्टवेयर आधारित अवैध बुकिंग पर कड़ी निगरानी।

इन सभी उपायों का लक्ष्य असली यात्रियों को प्राथमिकता देना है।


भारतीय रेलवे: दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नेटवर्क

  • 16 अप्रैल 1853 को मुंबई–ठाणे के बीच पहली ट्रेन चली।

  • कुल लंबाई: 68,584 किमी से अधिक

  • 22,000 से अधिक ट्रेनें प्रतिदिन संचालित।

  • प्रतिदिन 2.4 करोड़ यात्री यात्रा करते हैं।

  • 8,000 से ज्यादा मालगाड़ियाँ करीब 30 लाख टन सामान ढोती हैं।

  • 1.2 मिलियन से ज्यादा कर्मचारी—भारत का दूसरा सबसे बड़ा नियोक्ता।


निष्कर्ष

तत्काल टिकट बुकिंग में OTP सत्यापन की अनिवार्यता से बुकिंग प्रक्रिया अब पहले से कहीं अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और यात्री हित में हो चुकी है। इससे:

  • फर्जी बुकिंग

  • दलाली

  • एजेंटों द्वारा सॉफ़्टवेयर का गलत इस्तेमाल

जैसी समस्याओं पर काफ़ी हद तक रोक लगेगी। आने वाले समय में यह बदलाव पूरी प्रणाली को और अधिक विश्वसनीय, सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाएगा।

Post a Comment

0 Comments